विस्मयाभिभूत शब्द विस्मय और अभिभूत दो शब्दों के योग से बना है। इसमें विस्मय के य के साथ अभिभूत के अ के मिलने से या हो गया है। अ आदि वर्ण हैं। ये सभी वर्ण-ध्वनियों में व्याप्त हैं। व्यंजन वर्णों में इसके योग को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जैसे- क्+अ = क इत्यादि। अ की मात्र के चिह्न (।) से आप परिचित हैं। अ की भांति किसी शब्द में आ के भी जुड़ने से अकार की मात्र ही लगती है, जैसे- मंडल+आकार = मंडलाकार। मंडल और आकार की संधि करने पर (जोड़ने पर) मंडलाकार शब्द बनता है और मंडलाकार शब्द का विग्रह करने पर (तोड़ने पर) मंडल और आकार दोनों अलग होते हैं। नीचे दिए गए शब्दों के संधि-विग्रह कीजिए

संधि विग्रह


नील+आभ = ………………………. सिंहासन =……………………….


नव+आगंतुक = ………………………. मेघाच्छन्न = ……………………….




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